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आतंकवाद से नहीं, मगर हर दिन होती है 15-35 पाकिस्तानियों की मौत; यह है वजह…

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान अपने यहां कई आतंकवादी गुटों को पनाह देता आया है।

यही आतंकवादी गुट अक्सर पाकिस्तान के लिए आस्तीन का सांप बन जाते हैं।

आए दिनों देखने को मिलता है कि पाकिस्तान में आतंकी हमले हुए हैं। ऐसे हमलों में कई लोगों की जान चली जाती है। मगर एक और कारण है जिस वजह से पड़ोसी देश पाकिस्तान में लोगों की जान जा रही है वह है खुदकुशी।

पाकिस्तान में हर दिन 15-35 लोगों की जान जाने का कारण खुदकुशी है। पाकिस्तान के मशहूर अखबार डॉन की खबर के मुताबिक, एक संस्था ने साल 2020 में उनकी रिपोर्ट का हवाला देते हुए पाकिस्तान में खुदकुशी के जरिए होने वाली मौत को लेकर एक सर्वे किया है।

टेलर और फ्रांसिस द्वारा प्रकाशित सर्वे में इस बात का जिक्र है कि पाकिस्तान में हर घंटे एक और हर दिन 15-35 लोगों की जान खुदकुशी के कारण चली जाती है।

किन वजहों से लोग कर रहे खुदकुशी
सर्वे करने वालों का कहना है कि पाकिस्तान जैसे देश में जहां खुदकुशी जैसे संवेदनशील विषयों पर डाटा इकट्ठा करना मुश्किल होता वहीं अखबार का डेटा इस मामले में कारगार साबित हुआ।

बता दें डॉन ने साल 2020 में पाकिस्तान में होने वाली खुदकुशी पर एक रिपोर्ट जारी किया था, वही रिपोर्ट टेलर और फ्रांसिस के सर्वे का आधार बना।

रिपोर्ट में दावा किया गया है लोग मानसिक परेशानियों से ग्रसित लोग खुदकुशी की राह पर चलते हैं।

सामजिक बाधाएं, महिलाओं के साथ होने वाले दुर्वयवहार और अनैतिक कृत्य की वजह से पाकिस्तान में लोग खुदकुशी करते हैं। हालांकि, रिपोर्ट में इस बात का दावा है कि शहरों की अपेक्षा ग्रामीण स्तर पर आत्महत्या करने वालों के डेटा का अभाव है।

आतंकवाद भी ले रहा पाकिस्तानियों की जान
पाकिस्तान के थिंक टैंक सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीआरएसएस) की सालाना रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में 789 आतंकी हमलों और आतंक रोधी कार्रवाई के दौरान 1524 लोगों की मौत हुई और 1463 लोग घायल हुए।

इन आंकडे में आम लोग और सुरक्षाबलों के जवान भी शामिल हैं।  रिपोर्ट के मुताबिक, मरने वालों में 1000 आम नागरिक थे और अन्य सुरक्षा बलों के जवान।

पाकिस्तान में पिछले साल का आंकड़ा आतंकी घटनाओं में मृतकों के छह साल के आंकड़ों में सबसे ज्यादा है। इससे पहले साल 2018 में इतनी मौतें हुईं थी।

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में साल 2021 के बाद से लगातार तेजी आ रही है। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान आतंकी हिंसा के केंद्र बने हुए हैं।

आतंक से सबसे ज्यादा ग्रसित हैं पाकिस्तान के ये राज्य
पाकिस्तान में हुए कुल आतंकी हमलों में से 84 फीसदी हमले इन दो राज्यों   खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में हुए हैं। वहीं मरने वाले 90 फीसदी लोग भी इन्हीं दो राज्यों से थे।

वहीं पंजाब और सिंध प्रांत में सिर्फ आठ फीसदी आतंकी घटनाएं हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में आतंकी घटनाओं में पाकिस्तान में 56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और 2022 में जहां पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में 980 लोग मारे गए थे, 2023 में ये आंकड़ा 1524 तक पहुंच गया।

पंजाब और सिंध में भले ही आतंकी घटनाएं कम हुई हैं लेकिन सिर्फ इन राज्यों के आंकड़ों के अनुसार इसमें 96 फीसदी की तेजी आई है। वहीं सिंध में 26 प्रतिशत लोग ज्यादा मारे गए हैं। 

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