धर्म

अनोखी है भक्त की कहानी, हादसे के बाद कर दी इस जिले में गणेश पूजा की शुरुआत, अब उमड़ती है भीड़

कहते है आस्था का न रूप होता है न हीं कोई ढंग. यह एक भाव होता है. भाव कभी भी हो सकता है. गणपति महोत्सव को लेकर देश भर में विशेष तैयारी है. खास तौर पर महाराष्ट्र में विशेष पूजा आयोजित होती है. मगर झारखंड के पलामू जिले के रहने वाले रंजित कुमार की कहानी कुछ अलग है. पलामू जिले में गणपति पूजा की परंपरा की शुरुआत रंजित सोनी ने 19 साल पहले किया था. अब इस जिले में कई स्थान पर पूजा आयोजित होती है.

पलामू जिले के मेदिनीनगर शहर के बेलवटीका गणपति चौक समीप 19 वर्ष पहले गणपति महोत्सव की शुरुआत हुई थी. जिले भर में कहीं इस पूजा नहीं आयोजित होती थी.रंजित सोनी ने लोकल18 से कहा कि 19 वर्ष पहले उनके साथ एक हादसा हुआ था. जिसके बाद उनके बचने का कोई चांस न था. भगवान गणेश के चमत्कार से वो ठीक हुए. इसके बाद पहली बार मेदिनीनगर शहर में गणपति पूजा आयोजित किए.
19 वर्ष पहले कोलकाता में सिल्ली गुड़ी की बस के पास वो खड़े थे. बस के ऊपर से एक बड़ा पार्सल का सामान उनके छाती पर गिर गया. इसके बाद वो पूरी तरह बेहोश हो गए.बाद में जब आंख खुला तो मारवाड़ी सोसाइटी अस्पताल कोलकाता में आई सी यू में थे. जिसके बाद डॉक्टर जवाब दे दिया था.घर वालों का रो रो कर बुरा हाल था. मगर रात में ऐसा चमत्कार हुआ. वो अहले सुबह ठीक हो गए. आंख खुला तो देखा की सामने गणपति बप्पा को प्रतिमा है.जिसके बाद मन में आस्था जगी.
 इसके बाद 19 वर्ष पहले मेदिनीनगर में आकर गणपति पूजा को आयोजित किए. जिसके बाद लगातार आज तक करते आ रहे है. पूजा के लिए नागपुर से मूर्ति मंगाते है. यहां की मूर्ति में वैसी खूबी नहीं होती है. इसीलिए हर साल मूर्ति महाराष्ट्र से मंगाया जाता है. ट्रेन के माध्यम से मूर्ति मंगाते है. जो मूर्ति के लागत मूल्य से भी ज्यादा खर्चा लाने में लग जाता है.इस वर्ष 7.5 फिट ऊंची मूर्ति लाई गई है. जिसकी कीमत लगभग 30 हजार रुपए है.

गणपति पूजा 10 दिनों तक आयोजित किया जाता है. इस बार भी 7 सितंबर से 17 सितंबर तक आयोजित होगा. इस दौरान सुबह शाम पूजा और आरती होती है.वहीं शाम 6 बजे से 8 बजे तक प्रसाद वितरण का कार्यक्रम होता है. इसके अलावा लकी ड्रा कॉन्टेस्ट होगा.जिसके लिए 350 रुपए का चंदा लिया जाता है. इस बार खास तौर पर 10 एलईडी टीवी, 5 साइकिल, 10 घरेलू गैस चूल्हा, 10 फ्री डिश, 10 स्टेन फैन और 10 आयरन रखा गया है.वहीं 17 सितंबर को महाराष्ट्र के लाल बाग का राजा के विश्रजन के बाद यहां विश्रजन किया जायेगा.

Related Articles

Back to top button