देश

G7 में जाने नहीं देंगे, इसलिए बना लिया अपना क्लब; ब्रिक्स को लेकर जयशंकर के जवाब पर बजीं तालियां…

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को इस तर्क को खारिज कर दिया कि ब्रिक्स नामक “एक और क्लब” की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि वह समूह को लेकर विकसित दुनिया में “असुरक्षा” से आहत हैं।

यहां थिंक टैंक ‘ग्लोबल सेंटर फॉर सिक्योरिटी पॉलिसी’ में राजदूत जीन-डेविड लेविट के साथ बातचीत के दौरान जयशंकर ने कहा कि अगर जी-20 के रहते जी-7 का अस्तित्व रह सकता है, तो कोई कारण नहीं है कि ब्रिक्स का अस्तित्व न हो।

वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 27 प्रतिशत का योगदान देने वाले ब्रिक्स की स्थापना ब्राजील, रूस, भारत और चीन द्वारा की गई थी।

बाद में दक्षिण अफ्रीका इसमें शामिल हो गया, और जनवरी 2024 में पांच नए देश – ईरान, सऊदी अरब, मिस्र, यूएई और इथियोपिया – इस समूह में शामिल हुए। जयशंकर ने दर्शकों की जोरदार तालियों के बीच कहा, “क्लब क्यों? क्योंकि एक और क्लब था! इसे जी7 कहा जाता था और आप किसी और को उस क्लब में नहीं जाने देंगे। इसलिए, हम जाकर अपना खुद का क्लब बनाते हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अब भी इस बात से हैरान हूं कि जब आप ब्रिक्स के बारे में बात करते हैं तो उत्तर कितना असुरक्षित हो जाता है।

किसी तरह, लोगों के दिलों में कुछ खटकता है।” उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा, “यहां एक विचार है। जी-20 है, क्या जी-7 भंग हो गया है? क्या इसकी बैठकें बंद हो गई हैं? नहीं, यह अब भी जारी है।

तो, जी-20 तो है, तथा जी-7 अब भी मौजूद है। फिर, जी-20 क्यों नहीं हो सकता और ब्रिक्स भी क्यों नहीं हो सकता?”

जयशंकर ने बताया कि ब्रिक्स की शुरुआत कैसे हुई और कैसे इसने समय के साथ अपना महत्व प्राप्त किया, क्योंकि अन्य लोगों ने भी इसमें महत्व देखा।

उन्होंने कहा, “यह वास्तव में एक बहुत ही दिलचस्प समूह है, क्योंकि, यदि आप इसे देखें, तो आमतौर पर, किसी भी क्लब या किसी भी समूह का या तो भौगोलिक निकटता या कुछ सामान्य ऐतिहासिक अनुभव होता है, या, आप जानते हैं, बहुत मजबूत आर्थिक संबंध होता है।”

The post G7 में जाने नहीं देंगे, इसलिए बना लिया अपना क्लब; ब्रिक्स को लेकर जयशंकर के जवाब पर बजीं तालियां… appeared first on .

Related Articles

Back to top button