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आसिफ अली जरदारी की जीत लगभग तय, दूसरी बार बनेंगे पाकिस्तान के राष्ट्रपति…

पाकिस्तान में शनिवार को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की जीत लगभग तय मानी जा रही है।

अगर जरदारी चुनाव में जीत हासिल कर लेते हैं तो वह पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति होंगे। पाकिस्तान के नये राष्ट्रपति मौजूदा डॉ. आरिफ अल्वी की जगह लेंगे, जिनका पांच साल का कार्यकाल पिछले साल समाप्त हो गया था।

हालांकि, जब तक नये निर्वाचक मंडल का गठन नहीं हो जाता तब तक वह पद पर बने रहेंगे।

ऐसे हुआ है समझौता
व्यवसायी से नेता बने जरदारी, दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति हैं। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष 68 वर्षीय जरदारी को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नीत गठबंधन सरकार का समर्थन प्राप्त है, जिसके पास बहुमत के लिए आवश्यक संख्या है।

पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए चुनावों में खंडित जनादेश आने के बाद हुए समझौते के हिस्से के रूप में जरदारी को राष्ट्रपति पद हासिल हो सकता है।

समझौते के मुताबिक, पीपीपी ने प्रधानमंत्री पद के लिए पीएमएल-एन के उम्मीदवार को समर्थन दिया और मरियम नवाज को पंजाब प्रांत में सरकार बनाने का मौका मिला। वहीं पीएमएल-एन ने राष्ट्रपति पद के लिए जरदारी को समर्थन दिया और सिंध प्रांत पीपीपी के हिस्से में आया।

दूसरी बार होंगे राष्ट्रपति
जरदारी इससे पहले 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति पद पर रह चुके हैं और वह दूसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने वाले पहले पाकिस्तानी नागरिक भी होंगे। पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (पीकेएमएपी) के प्रमुख महमूद खान अचकजई, जरदारी को चुनौती दे रहे हैं, जो सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) से चुनाव लड़ रहे हैं।

जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों के सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) में शामिल होने के बाद यह परिषद प्रमुखता से सामने आया है।

ख्याल रखने का आश्वासन
पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने आश्वासन दिया कि उनके पिता आसिफ अली जरदारी पंजाब के सांसदों का उसी तरह ख्याल रखेंगे जैसे वह उनका रखते हैं।

पीएमएल-एन बहुमत वाली पंजाब प्रांतीय विधानसभा के सदस्यों को संबोधित करते हुए बिलावल ने कहा कि वह नौ मार्च को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों से अपने पिता के लिए वोट करने के लिए कहने आए थे।

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