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अब आप ही हमारे माई-बाप; IMF को खुश करने के लिए घुटनों पर आया पाकिस्तान, फिर उठाया भीख का कटोरा…

गले तक कर्ज में डूबा पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और अन्य देशों से मिल रही खैरात पर जिंदा है।

अब यह बात पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने भी मान ली है कि उनका गुजारा आईएमएफ द्वारा दिए लोन के बिना संभव नहीं है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के पीएम का कहना है की उनके देश की अर्थव्यवस्था बिना आईएमएफ के सहायता के जिंदा नहीं रह सकती है।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान अगले महीने वित्तीय एजेंसी से 1.1 अरब डॉलर की सहायता राशि प्राप्त करने की उम्मीद में है, ऐसे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का यह बयान आईएमएफ को खुश करने की दिशा में देखा जा सकता है।

पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि पाकिस्तान को दो-तीन साल के आईएमएफ कार्यक्रम के साथ गहरे संरचनात्मक सुधार लाने की जरूरत है। 

आईएमएफ को खुश करने के लिए घुटनों पर आया पाकिस्तान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बयान वैश्विक ऋणदाता के यह कहने के एक दिन बाद आया है कि वह बेल-आउट सौदे की 1.1 अरब डॉलर की किस्त को अनलॉक करने के लिए पाकिस्तान के साथ एक अस्थायी समझौते पर पहुंच गया है।

बता दें कि आईएमएफ द्वारा जारी की जाने वाले यह रकम पिछली गर्मियों में पाकिस्तान को मिले 3 अरब डॉलर पैकेज की अंतिम किश्त होगी।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि डिफॉल्ट के कगार पहुंच गए पाकिस्तान ने पिछली गर्मियों में संयुक्त राष्ट्र की वित्तीय एजेंसी के साथ 3 बिलियन डॉलर के समझौते की रूपरेखा तैयार की थी।

अब पाकिस्तान एक और दीर्घकालिक बेलआउट की मांग कर रहा है। आईएमएफ अधिकारियों ने आगे कहा कि सौदे का नवीनतम हिस्सा अप्रैल के अंत में बोर्ड की मंजूरी के अधीन है। यह सौदा 11 अप्रैल को समाप्त हो रहा है।

फिर से आईएमएफ से लोन चाहता है पाकिस्तान
आईएमएफ ने कहा, “पहली समीक्षा के बाद के महीनों में पाकिस्तान की आर्थिक और वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है, विवेकपूर्ण नीति प्रबंधन और बहुपक्षीय और द्विपक्षीय भागीदारों से प्रवाह की बहाली के कारण विकास और आत्मविश्वास में सुधार जारी है।

हालांकि, इस साल विकास दर मामूली रहने की उम्मीद है और मुद्रास्फीति लक्ष्य से काफी ऊपर बनी हुई है। पाकिस्तान को अपनी आर्थिक कमजोरियों को दूर करने के लिए और अधिक नीतिगत सुधारों की आवश्यकता है।”

आईएमएफ ने  कहा कि पाकिस्तान ने एक और बेलआउट में रुचि व्यक्त की है। पाकिस्तान के साथ आईएमएफ की मध्यम अवधि की सहायता पर चर्चा अगले कुछ महीनों में शुरू होने की संभावना है।

इससे पहले बुधवार को पीएम शरीफ ने अपने कैबिनेट को सूचित किया कि देश को नए आईएमएफ ऋण की आवश्यकता है और इस सौदे को हासिल करने के लिए कर आधार बढ़ाना अनिवार्य है। वहीं वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने कैबिनेट ब्रीफिंग में कहा, “आईएमएफ समझौते से देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।”  

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