देश

एयर इंडिया एक्सप्रेस ने मेडिकल लीव पर गए कर्मचारियों को किया बर्खास्त…

सामूहिक रूप से मेडिकल लीव पर गए कर्मचारियों पर एयर इंडिया एक्सप्रेस ने सख्त कार्रवाई करते हुए टर्मिनेशन लेटर जारी किया है।

बता दें बड़ी संख्या में केबिन क्रू ने बुधवार को बीमार होने की सूचना दी, जिसके कारण कम से कम 86 उड़ानें रद्द कर दी गईं।

इसके बाद एयरलाइन ने फ्लाइट्स ऑपरेशन में कटौती करने की घोषणा की। कितने कर्मचारियों पर गाज गिरी है, इसकी संख्या अभी नहीं बताई गई है।

टर्मिनेशन लेटर में लिखा गया है, “यह रिपोर्ट किया गया है कि आपको 07.05.2024 की फ्लाइट के लिए रोस्टर किया गया था। हालांकि, आपने अंतिम क्षण में शेड्यूलिंग टीम को सूचित किया कि आप बीमार हैं।”

कंपनी ने नोट किया कि उसी समय या उसके आसपास, बड़ी संख्या में अन्य केबिन क्रू सदस्य भी बीमार बताए गए और अपनी ड्यूटी पर नहीं आए।

कंपनी ने लेटर के जरिए यह भी कहा, “बिना किसी उचित कारण के काम पर नहीं आना, यह स्पष्ट रूप से ठोस कार्रवाई की ओर इशारा करता है, जिससे बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।

इससे पूरा शेड्यूल बाधित हो गया, जिससे कंपनी के सम्मानित यात्रियों को भारी असुविधा हुई। आपका कृत्य न केवल जनहित का विध्वंसक है, लेकिन इससे कंपनी को शर्मिंदगी, रेपुटेशन डैमेज और गंभीर मोनेटरी लॉस भी हुआ है।”

इसमें कहा गया कि उड़ान का संचालन न करना और कंपनी की सेवाओं को बाधित करना है, जो न केवल नियमों और कानूनों का उल्लंघन है।

लेटर में लिखा है, “कंपनी ने आपका इंप्लायमेंट खत्म करने का निर्णय लिया है। इस पत्र की तारीख से तत्काल प्रभाव से अब आपको कंपनी का कर्मचारी नहीं माना जाएगा और नियोक्ता के रूप में कंपनी का अब आपके प्रति कोई दायित्व नहीं होगा।”

बता दें एयर इंडिया एक्सप्रेस टाटा समूह का हिस्सा है, जो परिचालन कर रहा है 31 घरेलू और 14 इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर साप्ताहिक 2500 से अधिक उड़ानें, 70 से अधिक विमानों के बेड़े के साथ, जिसमें बोइंग 737 और एयरबस ए320 शामिल हैं।

एक महीने में यह दूसरी बार है कि टाटा ग्रुप के एयरलाइन को चालक दल की अनुपलब्धता के कारण उड़ान में व्यवधान का सामना करना पड़ रहा है।

अप्रैल के पहले सप्ताह में विस्तारा को भी चालक दल की अनुपलब्धता के कारण उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और पायलटों के सामूहिक रूप से बीमार पड़ने के बाद अंततः परिचालन कम करना पड़ा।

पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं

पिछले महीने अप्रैल में टाटा ग्रुप की एक और एयरलाइन विस्तारा ने 110 फ्लाइट्स रद्द की थीं। उस वक्त 160 से ज्यादा फ्लाइट लेट हुई थीं।

कंपनी ने पायलटों के इस्तीफे और क्रू सदस्यों के छुट्टी पर जाने से उड़ानों को कैंसिल करना पड़ा था। उस वक्त भी विस्तारा के एयर इंडिया में विलय की योजना के चलते यह दिक्कत हुई थी।

इंडिगो ने इस साल जनवरी तक लगभग 300 से अधिक फ्लाइट्स रद्द कीं। इंडिगो ने रोज 35 से 40 विमानों को कैंसिल किया। सर्दियों में विमानों के डायवर्जन के कारण यात्रियों और क्रू सदस्यों के साथ बदसलूकी की घटनाएं भी सामने आईं।

साथ ही तकनीकी खराबी के कारण भी इंडिगो को कई बार विमान डायवर्ट करना पड़ा।

क्या है विमान उड़ान संबंधी गाइडलाइन के निर्देश

अगर विमान की फ्लाइट में देरी होती है तो एयरलाइंस कंपनी को या तो यात्री को वैकल्पिक फ्लाइट की सुविधा प्रदान करनी होगी या टिकट के पूरे पैसे रिफंड किए जाएंगे।

अगर यात्रियों को वैकल्पिक फ्लाइट के लिए इंतजार करना पड़ रहा है तो ऐसी स्थिति में उनके खाने पीने की जिम्मेदारी एयरलाइंस की होगी।

अगर फ्लाइट का संचालन दूसरे दिन होगा तो ऐसी स्थिति में यात्रियों को होटल में ठहरने की सुविधा भी एयरलाइंस को देनी होगी।

विमान की उड़ान में तीन घंटे से ज्यादा देरी होने पर फ्लाइट को कैंसिल माना जाएगा और यात्री को पूरे पैसे वापस मिलेंगे।

बोर्डिंग के बाद फ्लाइट में अगर ज्‍यादा देरी होने पर फ्लाइट से उतर सकेंगे यात्री। फ्लाइट के देरी होने पर वेबसाइट पर रियल टाइम अपडेट करना जरूरी। यात्री को एसएमएस, व्हाट्सऐप और ईमेल के जरिये देनी होगी सूचना

Related Articles

Back to top button