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ईवीएम पर नहीं रुक रही बहस, ऐसे तो टेस्ला की हर कार हो सकती है हैक- पूर्व मंत्री…

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम से जुड़ी बहस रुकने का नाम नहीं ले रही है।

अमेरिकी अरबपति और टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क ने बीते दिनों एक पोस्ट कर लिखा था कि ईवीएम को हैक करना नामुमकिन नहीं है।

इसके बाद कांग्रेस के राहुल गांधी और सैम पित्रोदा कुछ हद तक उनका समर्थन करते भी दिखे। वहीं पिछली सरकार में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रह चुके राजीव चंद्रशेखर ने इसे पूरी तरह खारिज किया था।

अब राजीव चंद्रशेखर ने एक बार फिर मस्क को घेरा है। ईवीएम पर “ट्यूटोरियल” देने की पेशकश करने के बाद आज अपनी बात को दोहराते हुए कहा कि मस्क के तर्क के हिसाब से देखा जाए तो “हर टेस्ला कार को हैक किया जा सकता है”। 

मस्क ने कहा था कि हर चीज को हैक किया जा सकता है। इस पर पलटवार करते हुए राजीव चंद्रशेखर ने यह प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि ऐसा कहने में तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह गलत हैं।

उन्होंने एएनआई से बातचीत के दौरान कहा, “कैलकुलेटर या टोस्टर को हैक नहीं किया जा सकता है। इसलिए, हैकिंग की एक सीमा है।”

उन्होंने आगे कहा, “वह (एलन मस्क) तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। यह दावा करना कि दुनिया में कोई सुरक्षित डिजिटल उत्पाद नहीं बन सकता है, तो फिर हर टेस्ला कार को हैक किया जा सकता है।”

इससे पहले भी वह मस्क के इस बयान पर उनकी आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि मस्क तभी सही होंगे जब मशीनें फोन या कंप्यूटर की तरह जुड़ी होंगी, जो ईवीएम नहीं हैं। उन्होंने कहा था, “एलन मस्क का दृष्टिकोण अमेरिका और अन्य स्थानों पर लागू हो सकता है – जहां वे इंटरनेट से जुड़ी वोटिंग मशीनें बनाने के लिए कंप्यूटर प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं।”

इसी तर्क को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने आज समझाने की कोशिश की और कहा कि, “एलन मस्क को अब तक यह समझ में नहीं आया कि भारतीय ईवीएम क्या है। भारतीय ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता क्योंकि वे वास्तव में बहुत लिमिटेड इंटेलिजेंस डिवाइस हैं।”

पिछले हफ्ते एलन मस्क ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए अपनी पोस्ट के साथ इस मुद्दे को चर्चा को चर्चा का केंद्र बना दिया था।

उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर की पोस्ट के जवाब में एक्स पर पोस्ट किया था, जिसमें बताया गया था कि प्यूर्टो रिको के चुनावों में सैकड़ों ईवीएम में मतदान संबंधी अनियमितताएं देखी गईं।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, “हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए। मनुष्यों या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम, हालांकि कम है, फिर भी बहुत अधिक है।” 

हालांकि राजीव चंद्रशेखर ने इस पर कहा था कि यह बहुत सामान्यीकरण कथन है जिसका अर्थ है कि कोई भी सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बनाया जा सकता। यह गलत है।

उन्होंने आगे कहा था कि “कोई कनेक्टिविटी नहीं, कोई ब्लूटूथ नहीं, वाईफाई नहीं, इंटरनेट नहीं; कोई रास्ता नहीं है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ठीक उसी तरह से डिज़ाइन और बनाया जा सकता है जैसा कि भारत ने किया है। हमें एक ट्यूटोरियल चलाने में खुशी होगी, एलन।” 

मस्क की टिप्पणी ने विपक्ष की आलोचना को दी हवा 

मुंबई उत्तर पश्चिम से शिवसेना सांसद रविंद्र वायकर के एक रिश्तेदार द्वारा ईवीएम से कनेक्ट किए जा सकने वाले फोन का इस्तेमाल करने की खबरों के बीच मस्क की टिप्पणियों ने विपक्ष की आलोचना को हवा देने का काम किया। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में ईवीएम “एक ‘ब्लैक बॉक्स’ है और “किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है”।

वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “जब दुनिया भर में कई चुनावों में ईवीएम से छेड़छाड़ के जोखिम की खबरें सामने आ रही है और जाने-माने प्रौद्योगिकी एक्सपर्ट इस जोखिम को बाहर ला रहे हैं, तो भाजपा को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे ईवीएम का उपयोग करने पर क्यों तुली हुई है।”

ईवीएम मशीनों के बहुत फायदे हैं: सुप्रीम कोर्ट

भारत में पेपर बैलेट की वापसी की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही खारिज कर चुका है। कोर्ट ने कहा था कि ईवीएम मशीनों के बहुत फायदे हैं। जजों ने इस मामले पर कहा है कि ईवीएम ने बूथ कैप्चरिंग और अवैध वोटों को खत्म कर दिया है, कागज की बर्बादी को कम किया है और कम गलतियां करते हुए मतगणना प्रक्रिया को तेज किया है।

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