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रूस-उ. कोरिया के बीच रक्षा समझौते से बौखलाया चीन? अमेरिका ने तीनों देशों के बीच तनाव बढ़ने की जताई आशंका

अमेरिका के शीर्ष सैन्य अधिकारी ने रूस और उत्तर कोरिया के बीच रक्षा समझौतों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच इस समझौते से चीन के साथ टकराव होने की संभावना है। वायु सेना जनरल सीक्यू ब्राउन ने कहा कि उत्तर कोरिया के साथ रक्षा समझौते के बाद रूस और चीन के बीच तनाव बढ़ सकता है।  सीक्यू ब्राउन ने मीडिया से बात करते करते हुए कहा, "हमें कोई मिल गया है, जो हस्तक्षेप कर रहा है। यह रूस और चीन के बीच तनाव बढ़ा सकता है। इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि तीनों देश इससे कैसे निपटते हैं।" विशेषज्ञों ने कहा कि बुधवार को समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था। इस समझौते के बाद अब इन दो देशों पर बीजिंग का प्रभाव कम हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह चीन की वैश्विक, आर्थिक और रणनीतिक महत्वकांक्षाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। 

रूस-उत्तर कोरिया के बीच रक्षा समझैता

गुरुवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस अब उत्तर कोरिया को हथियार प्रदान कर सकता है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि उत्तर कोरिया रूस से लड़ाकू विमान, सतह से हवा में वार रने वाली मिसाइलें, बैलिस्टिक मिसाइल उत्पादन सामग्री उत्तन तकनीक हासिल करने के लिए इच्छुक है। सीक्यू ब्राउन ने कहा, यह एक व्यापक समझौता था जिसमें कोई बाधा नहीं है। यह समझौता आपको बताता है कि वे एक साथ काम करना चाहते हैं, लेकिन इसके साथ ही वे अपने बंधे नहीं रखना चाहते हैं। बुधवार को रूस और उत्तर कोरिया ने रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किया। इस समझौते के तहत प्रत्येक पक्ष को उनमें से किसी के खिलाफ आक्रमण की स्थिति में दूसरे को तत्काल सैन्य सहायता प्रदान करना होगा। आक्रमण के दौरान दोनों ही देश एक-दूसरी की मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उत्तर कोरिया के साथ यह समझौता पश्चिम के लिए निवारक के रूप में साबित होगा। उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन में युद्ध के लिए उत्तर कोरियाई सैनिकों का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है। इस बीच अमेरिका और यूक्रेन ने दावा किया कि उत्तर कोरिया रूस को तोपखाने के गोले और बैलिस्टिक मिसाइलें उपलब्ध करा चुका है। हालांकि, रूस ने इन दावों को नकार दिया है। 

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