छत्तीसगढ़राज्य

CM साय और कैबिनेट मंत्री आज दूसरे जनदर्शन में जनता की सुनेंगे समस्याएं 

मुख्यमंत्री निवास में दूसरा जनदर्शन गुरूवार को लगेगा, जिसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जनता की समस्या सुनेंगे साथ ही अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश देंगे। मुख्यमंत्री आवास में जनदर्शन के साथ-साथ भाजपा मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में कैबिनेट मंत्री सहयोग केंद्र में जनता की समस्या सुनने के लिए मौजूद रहेंगे।

शिकायत से जुड़े सरकारी दस्तावेज होने पर इसे साथ में ही प्रस्तुत किया जा सकता है। 27 जून को मुख्यमंत्री आवास में पहला जनदर्शन लगाया गया था। पहले जनदर्शन के बाद से ही लोगों की समस्याओं का निराकरण शुरु हो चुका है। राजधानी के सेजबहार क्षेत्र में अवैध निर्माण पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया। अवैध निर्माण की यह शिकायत भी जनदर्शन में आई थी।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जनता से सुझाव भी लेंगे। मुख्यमंत्री आवास के जनदर्शन में आम लोगों से जुड़े विभागों की समस्या सबसे ज्यादा आ रही है। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि शिकायतों के आधार पर तत्काल समस्याओं का निराक्रण हो।

सुबह 11 से एक बजे तक मुख्यमंत्री निवास में आयोजन

मुख्यमंत्री निवास में सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक आयोजन होगा। लोगों की समस्याओं और शिकायतों के हिसाब से मुख्यमंत्री उसी समय अधिकारियों को निर्देशित करेंगे। मुख्यमंत्री निवास में इसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जा चुकी है। जनदर्शन में अलग-अलग विभागों के अधिकारी मौजूद रहेंगे। आवेदन मुख्यमंत्री के नाम लिखा जाना आवश्यक होगा।

भाजपा कार्यालय में शुरू होंगे सहायता केंद्र

भाजपा प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में सहायता केंद्र के माध्यम से लोगों की समस्याओं का निराकरण होगा। सहायता केंद्र प्रभारी संजय श्रीवास्तव ने बताया कि चार जुलाई को मंत्री लखनलाल देवांगन, पांच जुलाई को मंत्री दयालदास बघेल और प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा लोगों से मिलेंगे। आठ जुलाई को उप मुख्यमंत्री अरुण साव एवं प्रदेश उपाध्यक्ष लक्ष्मी वर्मा, नौ जुलाई को मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल एवं प्रदेश महामंत्री रामजी भारती कार्यकर्ताओं और आम लोगों से मिलेंगे।

मुख्यमंत्री जनदर्शन में इस तरह की शिकायतें

1. भ्रष्टाचार, अवैध निर्माण, पैसे मांगने की शिकायतें।

2. लंबे समय से सड़क निर्माण नहीं होने, पुल-पुलियों की शिकायतें

3. राजस्व संबंधित मामले, आवेदनों का निराकरण नहीं होना, सरकारी योजना का समय पर लाभ नहीं मिलना आदि।

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